लखीमपुर:एकआहभरीहोगी,हमनेनसुनीहोगीजाते-जातेतुमनेआवाजतोदीहोगी।जगजीतसिंहकीयेगजलवास्तवमेंखीरीजिलेकेउन34परिवारोंपरजैसेहूबहूगुजररहीहो।सातगांवोंमेंनचूल्हाजलाऔरनहीकोईकुछखारहाहै।इसबीचचमोलीसेइच्छानगरपहुंचेश्रमिकअवधेशकेक्षतविक्षतशवकोदेखबाकीकेपरिवारोंकाकलेजामुंहकोआगया।किसीकाभाईतोकिसीकाबेटा,किसीकापतितोकिसीकापिताअबकहींनजरनहींआरहे।उनकीकोईखोजखबरभीनहींमिलरही।
तराईकेबाबूपुरवाभैरमपुर,इच्छानगर,तारनकोठी,सिगाही,कड़िया,तिकुनियाकेमजदूरोंकेखुशियोंवालेघरोंमेंजहांबीतेरविवारकीभोरपहरतकसब-कुछसामान्यथा।वहांअबगम,इंतजारऔरआंसूकेसिवायकुछभीनहींहै।चूल्होंसेधुआंतकनहींउठरहाहै,जोइंतजारकेदर्दकीइंतहाकोबयांकररहाहै।इंतजारकबखत्महोगायहकहपानामुश्किलहै।बुधवारकोअवधेशकीमौतसेसदमेमेंआईमांलल्लीदेवीबेटेकोयादकरगशखाकरगिरपड़रहीहैऔरकहरहीहैकियदिवहमजदूरीकरनेनहींजातातोउसकीजानबचजाती।
धर्मेंद्रकेघरपरगांववालोंकातांतालगाहुआहै।उनकेमाता-पिताहरआनेजानेवालेलोगोंकोदेखकरकरचीखचीखकररोरहेहैं,औरबार-बारयहकहरहेहैंकोईहैजोउनकोउनकेलालसेमिलवादे।ऐसीतस्वीरेंसिगाहीइलाकेसातगांवमेंनजरआरहीहैं।
कभीखुशहालीकाराजथाअबहरतरफमातम
इनगांवोंमेंकभीखुशहालीकाराजथा,मेहनतकशलोगअपनेगांवघरमेंहीनहींदेशकेकिसीकोनेमेंमेहनतकरनेवपसीनाबहानेसेपीछेनहींथे।मगरअबहालातजुदाहैं।इनमजदूरोंकेघरआंगनपिछलेतीनदिनसेकभीअचानकसूनसानहोजारहेहैंतोकभीपीड़ितपरिवारजनऔरमहिलाओंकीजोर-जोरकीचीत्कारऔरकरुणक्रंदनसेगांववालोंकोझकझोरदेरहेहैं।करुणक्रंदनसुनगांवकीमहिलाएंदौड़करजातीहैंऔरलापतालोगोंकेपरिजनोंकोदिलासादिलाकरजैसेहीहटतीहैंवैसेहीफिरलापतामजदूरोंकेघरोंकीमहिलाएंकरुण-क्रंदनकरसबकोझकझोरदेतीहैं।तोबड़ीअनहोनीकीआशंकानेछीनलीहैनींद
बुधवारकोजबबाबूपुरवागांवकेरहनेवालेसूरजकेशवबरामदहोनेकीपुष्टिहोगईतोइससूचनाकेआनेकेबादपूरेसातगांवकेलोगोंकेमाथेकीसिकनबढ़गईहै।चिताकाकारणयेहैकिजबचारदिनसेवहलोगकरीबतीनसौमीटरसुरंगमेंदबेहैंउनतककोईराहतयाबचावकर्मीनहींपहुंचपारहाहै।तोउनकाकलेजाबैठनालाजमीहै।