संवादसूत्र,सुल्तानपुर:नगरकेसीताकुंडघाटपरपितृपक्षकेअंतिमदिनमंगलवारकोतर्पणकरनेवालोंकीभारीभीड़देखीगई।लोगोंनेनदीमेंस्नानकरमंत्रोच्चारणकेबीचपितरोंकातर्पणएवं¨पडदानकिया।दिनभरस्नान,ध्यान,पूजन-अर्चनकासिलसिलाचलतारहा।इसमौकेपरदर्जनोंलोगोंनेगोदानकीकीपरंपराकाभीनिर्वहनकिया।
15दिनतकचलेपितृपक्षमेंलोगोंनेतिथिकेअनुसारहीअपनेपितरोंकेलिएश्राद्धऔरतर्पणकिया।नगरकेगोमतीनदीस्थितसीताकुंडघाटपरआजपितरोंकोविदाईदेनेकेलिएसैकड़ोंकीसंख्यामेंलोगजमाहुए।रीतिकेअनुसारमुंडनकरवायाऔरपितरोंकोचावलका¨पडबनाकरउन्हेंभोगलगाया।पुरोहितोंमंत्रकेबीचलोगोंनेअपनेपुरखोंकोतारनेकीपरपंराकानिर्वहनकिया।दिनभरकर्मकांडकरनेकासिलसिलाचलतारहा।अपनीक्षमताकेअनुसारलोगोंनेपुरोहितोंकोअंगवस्त्रसेलेकरअन्यचीजेंदानकीऔरउनकेभोजनकीभीव्यवस्थाकी।घाटकेइर्दगिर्दफूल-मालावमिष्ठानकीदुकानेंसजीरहीं।ऐसीमान्यताहैकिअकालमृत्युकीहालतमेंचतुर्दशीकोहीश्राद्धकरदियाजाताहै।पितृविसर्जनकाअंतिमदिनहोनेकेचलतेपुरोहितोंकीकाफीमांगरही।वहींग्रामीणांचलमेंगोमतीनदीकेधोपापघाट,दियराघाट,सिरवाराआदिघाटोंपर¨पडदानकेलिएसुबहसेहीलोगोंकीभीड़लगनाशुरूहोगईथी।