जागरणसंवाददाता,चक्रधरपुर:केंद्रीयविद्यालयचक्रधरपुरकेशिक्षकआलोकबालकीखुदकीजिदगीअंधेरेमेंहै,लेकिनवेज्ञानकादीपजलाकरबच्चोंकेभविष्यकोउजालेकीओरलेजारहेहैं।शिक्षकआलोकबालबचपनसेहीनेत्रहीनहैं।उन्हेंकुछभीदिखाईनहींदेता,लेकिनउन्होंनेअपनीइसशारीरिकअक्षमताकोकभीभीअपनेजीवनकीकमजोरीबननेनहींदिया।आलोकनेबेहतरशिक्षाग्रहणकरबच्चोंकोशिक्षितकरनेकाप्रणलिया।नेत्रहीनहोनेकेबावजूदवेएकआमशिक्षककीतरहबच्चोंकोपढ़ातेहैं।बच्चोंकोपढ़ानेकीउनकीकलासेउनकेसहकर्मीभीप्रभावितहैं।बच्चेभीउनकीक्लासकोखूबपसंदकरतेहैं।ब्रेललिपिकेसहारेबच्चोंकोपढ़ातेहैंआलोक
बच्चोंकोपढ़ानेकेलिएशिक्षकआलोकअपनेब्रेललिपिशिक्षासंसाधनकाप्रयोगकरतेहैं।एकहाथमेंब्रेललिपिदूसरेहाथमेंलैपटॉपऔरमोबाइलसेबच्चोंकोपढ़ातेहैंआलोक।ऑनलाइनक्लासहोनेकेकारणकईबच्चोंवअभिभावकोंकोयहभीपताहीनहींकिशिक्षकआलोकनेत्रहीनहैं।वेबड़ीआसानीसेबच्चोंकोपढ़ातेचलेजातेहैं।बच्चेपरेशानभीकरतेहैं,तोआलोकबालगुस्सानहींकरते,बच्चोंसेबड़ेप्यारसेपेशआतेहैंऔरकोशिशकरतेहैंकिबच्चोंकीजिज्ञासाकोसंतुष्टकियाजाए।शिक्षकआलोककीमानेंतोबच्चोंसेसख्तीसेपेशआएंगेतोवेपढ़नेमेंमननहींलगाएंगे,बच्चोंकीजिज्ञासाकोबढ़नेदीजिये,मरनेमतदीजिए।
नएजमानेकीतीसरीआंखनेउनकीकमीदूरकी
शिक्षकआलोकबतातेहैंकिभगवाननेउनकीआंखेंछीनली,लेकिननएजमानेकीतकनीकनेउन्हेंतीसरीआंखदेदी।तकनीककेजरियेउन्हेंआंखोंकीकमीकोदूरकरनेमेंमददमिली।तकनीकसेउन्हेंइतनाप्यारहैकिवेहमेशाटेक्नोलॉजीकोलेकरअपडेटरहतेहैं।वेबच्चोंकोपढ़ानेकेलिएकंप्यूटर,लैपटॉप,मोबाइल,सॉफ्टवेयरआदिकाप्रयोगकरतेहैं।उनकेतकनीकीज्ञानकास्कूलकेसभीशिक्षकअनुशरणकरतेहैं।कोरोनाकालमेंकैसेबच्चोंकोपढ़ाएं,इसकोलेकरभीसहकर्मीशिक्षकआलोकबालसेहीसुझावलेतेहैं।ओडिशाकेक्योंझरकेहैआलोक
शिक्षकआलोकमूलरूपसेओडिशाकेक्योंझरकेरहनेवालेहैं।बचपनसेहीवेनेत्रहीनहैं।उनकेमातापितानेबचपनमेंउनकीआंखोंकेइलाजकोलेकरखूबप्रयासकिया,लेकिनकुछनाहोसका।तबशिक्षकआलोकनेबाल्यअवस्थामेंठानलियाकिइसकमजोरीकोवेकभीअपनेजीवनकीबाधानहींबननेदेंगे।पिताकेसंघर्षपूर्णजीवनसेप्रेरणालेतेहुएशिक्षकोंकोशिक्षादेनेवालेएकप्रशिक्षककोदेखउन्होंनेशिक्षकबननेकाफैसलालियाऔरआजवेबच्चोंकोएककुशलशिक्षककीतरहपढ़ातेहैं।