जागरणसंवाददाता,खेतासराय(जौनपुर):क्षेत्रकेपोरइकलांकीरामलीलाकीस्थापनावर्ष1950मेंहुईथी।जोआजभीजीवंतहै।महानगरोंमेंनौकरीकरनेवालेगांवकेकलाकारअवकाशलेकररामलीलाकामंचनकरनेगांवआतेहैं।गुरुवारसेशुरूहुईरामलीलाचारनवंबरतकचलेगी।हालांकिकोविड-19महामारीकेकारणइससालमेलेकाआयोजननहींहोगा।
यहरामलीलावर्ष1950मेंगांवकेतत्कालीनलेखपालजगदंबाप्रसादश्रीवास्तवकीप्रेरणाकेग्रामीणोंद्वाराशुरूकीगईथी।श्रीवास्तवमूलरूपसेसुल्तानपुरजिलेकेनिवासीथेऔरयहींस्थाईतौरपरबसगएथे।नि:संतानहोनेकेकारणउनकीपत्नीउनसेबराबरआग्रहकियाकरतीथीकिवेकुछऐसाकरेंजिससेउनकीस्मृतिकोउनकेनरहनेकेबादभीलोगबनाएरखें।इसमंशासेउन्होंनेरामलीलाकीशुरुआतकराई।शुरुआतमेंसमीपस्थगांवतारगहनानिवासीस्वर्गीयपंडितरामबदनतिवारीकाइसमेंकाफीयोगदानरहा।वेचार-पांचकिलोमीटरपैदलचलकरपोरइकलांमेंआठबजेपहुंचजातेथेऔररामलीलासमाप्तहोनेतकइसकाइसकासंचालनकरतेथे।उनकेनिधनकेबादस्वयंगांववालोंनेसंचालनहाथमेंलेलिया।गांवकेउत्तरदिशामेंस्थितविशालभू-भागमेंरामलीलाकामंचनएवंमेलाकाआयोजनहोताहै।प्रारंभसेहीयहमेलाकार्तिककृष्णपक्षकीपंचमीकोलगताहैजोइसबारकोरोनाकेचलतेनहींलगेगा।रामलीलाएवंमेलेमेंगांवकेहीस्वयंसेवकअपनीसेवाएंप्रदानकरतेहैं।रामलीलामेंभीड़अधिकहोनेकेकारणव्यवस्थाकोबनाएरखनाउनकाहीदायित्वहोताहै।अबजबकिरामलीलाकाप्रसारअगल-बगलकेअनेकगांवोंमेंभीहोचुकाहैफिरभीइसरामलीलाकामहत्वतनिकभीकमनहींहुआहै।इसमेंअगल-बगलकेगांवोंसेभारीभीड़इकट्ठाहोतीहै।