गयाकेवजीरगंजप्रखंडअंतर्गतमीरगंजमेंमकरसंक्रांतिकेअवसरपरखिचड़ीमहाभोजकाआयोजनहोताहै।यहभोजप्रत्येकवर्षमकरसंक्रांतिकेदूसरेदिनयाआगेएकसप्ताहकेअंदरजिसदिनखिचड़ीखानेकीमान्यतारहीहो,यथारविवार,मंगलवार,गुरुवारकोछोड़अन्यकिसीभीदिनकियाजाताहै।यहांकीखिचड़ीकाफीसुस्वादुऔरसुपाच्यहोताहै,जोक्षेत्रमेंविख्यातहै।खिचड़ीकेदिनपूरेगांवकेघरघरमेंचहल-पहलरहतीहै।सभीलोगअपनीक्षमताकेअनुसारअपनेअपनेपरिचितबाहरीलोगोंकोघरबुलाकरश्रद्धाकेसाथखिचड़ीकाभोजकरातेहैं।इसगांवमेंखिचड़ीखानेऔरखिलानेकीपरंपराकबऔरकिनकेद्वाराशुरूकीगईइसकीजानकारीनहींमिलपारहीहै।यानीयहमानकरचलिएकियहएकपुश्तैनीपरंपराहै।
गांवकेसाठवर्षीयसमाजसेवीरामनरेशप्रसादसिंह,सत्तरवर्षीयसच्चिदानंदपांडे,पैंसठवर्षीयमदनमोहननारायणसहितअन्यकईबुजुर्गोंसेबातकरनेपरवहबतातेहैंकिखिचड़ीखिलानेकीपरंपराबहुतपुरानीहै।यहकबशुरूकियागयाइसकासुरागहमलोगोंकोनहींमिलताहै।इनकेअनुसारइनकेपिताजीतोक्याउनसेपहलेइनकेदादाभीइसपरंपराकेशुरुआतीदौरकोनहींजानतेथे।हां,रामनरेशप्रसादसिंहइतनाजरूरबतातेहैंकि,दादाजीकेजमानेमेंक्षेत्रकाकृषिकार्यपूरीतरहवर्षापरआधारितरहताथा।तबहमेशाअनावृष्टिकेकारणफसलेंमारीजातीथीऔरकिसानोंकोअकालकासामनाकरनापड़ताथा।जबखेतमेंधानकेफसलनहींहोतेथेतबकृषकोंकोभारीक्षतिहोतीथी।वैसेविकटपरिस्थितिमेंभीदादाजीलोगखिचड़ीकाभोजजरूरकरातेथे,चाहेइसकेलिएघरकीमहिलाओंकाजेवरगहनेभीक्योंनहींबेचनापड़े।लेकिनवेपरंपराकोजीवितरखेरहतेथे।तोखिचड़ीखिलानेकीपरंपराकाशुरुआतीदौरअज्ञातहैलेकिनप्रचलनकोयहांकेयुवापीढ़ीआजभीबरकराररखेहुएहैं।हालांकिपहलेकीअपेक्षाअबऔरभीबड़ेपैमानेपरघरेलूऔरसामूहिकभोजकाआयोजनकरायाजाताहै।
इसबारभीगांवमेंचौदहऔरपंद्रहजनवरीकोमकरसंक्रांतिकेचूड़ादहीकालुत्फउठानेकेबादकल(सोमवारको)बड़ेपैमानेपरखिचड़ीकेमहाभोजकरानेकीतैयारीचलरहीहै।गांवकेसमाजसेवीअमरशंकरउर्फकाकाजीकेघरपरसामूहिकखिचड़ीमहाभोजकाआयोजनप्रत्येकवर्षकीतरहइसवर्षभीकरायाजानाहै।तैयारीयुद्धस्तरपरचलरहीहै।इससमारोहकोसफलबनानेकेलिएपूरेगांवकेलोगश्रद्धासेलगेहुएहैं।ग्रामीणरामनरेशप्रसादसिंहबतातेहैंकिमीरगंजकीखिचड़ीसुपाच्यऔरसुस्वादुतोहोताहीहै,यहसमाजकोएकनयासंदेशभीदेताहै।वहहैआपसीभाईचारेऔरसामाजिकसौहार्दबनानेकी।कहतेहैंकिखिचड़ीमेंजिसप्रकारचावलकेसाथदाल,गोभी,मटर,काजू,छुहारे,किशमिशसहितअन्यसामग्रीआपसमेंमिलकरएकसुस्वादुभोजनकेरूपमेंतैयारहोजातेहैंजिसेहरलोगचावसेखातेहैं,उसीप्रकारसमाजकेहरतबकेकेलोगकादिलएकदूसरेसेमिलकरनयासमाजबनानेकेलिएप्रेरितहोजाताहै।यहांकीखिचड़ीकोईभीव्यक्तिचाहेजितनाभीखालें,उन्हेंपाचनमेंकिसीप्रकारकीसमस्यानहींहोतीहै।यहमहाभोजपूरेक्षेत्रमेंसामाजिकसमानताएवंभाईचारेकासंदेशदेतीहै।ग्रामीणोंकादावाहैकिपूरेवजीरगंजप्रखंडक्षेत्रमेंसामाजिकएवंसांप्रदायिकभाईचारेकायमहै,जोमीरगंजकीखिचड़ीकाहीदेनहै।हरवर्षक्षेत्रकेलोगइसखिचड़ीसेप्रेरणालेकरसमरससमाजबनाएरखनेकासंकल्पलेतेहैं।गांवमेंशनिवारकोभीअमरशंकरउर्फकाकाजीकेद्वारादलितसमुदायकेलिएविशेषआयोजनकरकेमहाभोजकरायागया।इसकेअलावानिरंजनकुमारसिंहएवंमुन्नाकुमारसिंहनेभीखिचड़ीभोजकाआयोजनकरायाजिसमेंसैकड़ोंलोगभागलिए।
बालसंस्कारकेन्द्रकेभोजमेंदिखीमकरसंक्रांतिकीसमरसता
गया:मकरसंक्रांतिपर्वकेपावनअवसरपरगयानगरक्षेत्रमेंसेवाभारतीके12बालसंस्कारकेन्द्रपरएवंमंगलागौरीमंदिरप्रांगणमेंसमरसताभोजकाआयोजनकियागया।जहांसभीबच्चे,केन्द्रकेशिक्षक,राष्ट्रीयस्वयंसेवकसंघकेकार्यकर्ता,समाजकेलोगएकसाथबैठकरचूड़ा,तिलकुट,तिलएवंप्रसादरूपीखिचड़ीखाकरमकरसंक्रांतिमनातेहुएसामाजिकसमरसताकासंदेशदिए।सबसेपहलेभारतमाताकीपूजनकरबच्चोंकोमकरसंक्रांतिपर्वएवंउसकेमहत्वकेबारेमेंबतायागया।बच्चोंकेद्वारासरस्वतीवन्दना,गायत्रीमंत्रकापाठएवंसूर्यनमस्कारकियागया।पितामहेश्वरतथामहादेवघाटपरसंचालितबालसंस्कारकेंद्रोंपरअंगवस्त्रभीबच्चोंकेबीचबाटागया।मांमंगलागौरीकेदरबारमेंगयाजीके40युवाएकसाथबैठकरप्रसादग्रहणकरतेहुएमकरसंक्रांतिएवंसामाजिकसमरसताकेविषयपरचर्चाकिए।पूरेकार्यक्रमकेदौरानसेवाभारतीकेप्रदेशउपाध्यक्षअनिलकुमार,संरक्षकप्रमोदकुमार,प्रो.प्रदीपदास,जिलाअध्यक्षराहुलदत्ता,सचिवविक्कीबरनवाल,सहनगरकार्यवाहआनंदश्रीकर,भाजपाकेमहामंत्रीप्रशांतकुमार,रविशंकर,सूरजसिंह,रंजीतसिंह,सेवाभारतीकेजिलाउपाध्यक्षसंजयकुमार,राजेशकुमारएवंअन्यस्वयंसेवकउपस्थितरहें।