बूनी(पाकिस्तान),15सितम्बर(एएफपी)पाकिस्तानकेपश्चिमोत्तरक्षेत्रमेंस्थितएकपर्वतीयगांवकीमहिलाहाजराबीबीहाथकीसिलाईमशीनसेमहिलाओंकेलिए‘सेनेटरीपैड’बनातीहै।यहगांवइसरूढ़िवादीदेशकेउनग्रामीणइलाकोंमेंसेएकहैजहांअभीभीमाहवारीकोएकवर्जितविषयमानाजाताहै।अफगानिस्तानकीसीमाकेनिकटस्थितबूनीगांवमेंएकछोटीसीमेजपरबैठी35वर्षीयइसमहिलानेकहा,‘‘मैंइससंकटसेनिपटरहीहूं।’’उन्होंनेकहा,‘‘इससेपहलेबूनीकीमहिलाओंकोनहींपताथाकिसेनेटरीपैडक्याहोतेहैं।’’पाकिस्तानकेइनग्रामीणइलाकोंमेंमहिलाएंअपनेमासिकधर्मकेखूनकोसोखनेकेलिएपरंपरागतरूपसेकपड़ोंकेटुकड़ोंकाइस्तेमालकरतीहैं,लेकिनमाहवारीकेसंबंधमेंजानकारियोंकेअभावकेकारणमहिलाएंसंक्रमणकाशिकारहोजातीहैं।यूनिसेफकेसाथकामकरनेवालेएकगैरसरकारीसंगठन(एनजीओ)‘आगाखानरूरलसपोर्टप्रोग्राम’(एकेआरएसपी)नेमहिलाओंकेस्वास्थ्यकेप्रतिनजरिएकोबदलनेकेउद्देश्यसेहाजराबीबीकोसूती,प्लास्टिकऔरकपड़ेसेबननेवाले‘डिस्पोजेबल’सेनेटरीपैडबनानेकाप्रशिक्षणदियाथा।इसमहिलानेअपनेपरिवारकोसहारादेनेकेलिएयहकामसंभालाक्योंकिउसकापतिदिव्यांगहैऔरउनकीबहुतकमआयहै।प्रत्येकपैडकोबनानेमेंलगभग20मिनटलगतेहैंऔरइसे20रुपयेमेंबेचाजाताहै।शुरूआतमेंहाजराबीबीकेकाममेंस्थानीयसमुदायनेव्यवधानडालाथा।बीबीनेकहा,‘‘पहलेलोगमुझसेपूछतेथेकिमैंऐसाक्योंकररहीहूं।कुछलोगमेराअपमानभीकरतेथे।’’उन्होंनेकहा,‘‘लेकिनअब‘‘गांवकीलड़कियांअपनीमाहवारीकेबारेमेंबातकरसकतीहैं।’’उन्होंनेकहाकिवह‘‘महिलाओंकीआधारभूतजरूरतोंकेलिएलड़रहीहै।’’एएफपीदेवेंद्रनीरजनीरज
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