दिल्लीमेंशिक्षाकास्तरबढ़ानेकेदावेकरनेवालीदिल्लीसरकारकीपोलखुलगईहै.शिक्षाविभागमेंलगाईगईएकआरटीआईसेबेहदहैरानकरदेनेवालीजानकारीमिलीहै.आरटीआईसेजवाबमेंयहमिलाकिदिल्लीके99फीसदीसरकारीटीचरकोसरकारीस्कूलोंकीपढ़ाईपरभरोसानहींहैऔरयहीवजहहैकिवहअपनेबच्चोंकोसरकारीस्कूलमेंनहींभेजतेहैं.
दिल्लीमेंसूचनाकेअधिकारकेतहततुगलकाबादएक्सटेंशनकेरहनेवालेचंदूचौरसियानेदिल्लीसरकारकेशिक्षाविभागसेकुछसवालकिएथे.इसकेजवाबजबचंदूतकपहुंचेतोदिल्लीसरकारकेदावोंकीपोलखुलगई.शिक्षाविभागनेप्रत्येकस्कूलसेआरटीआईकेसवालपरजानकारीदेनेकोबोलाऔरजिसकेबादअबतकतकरीबन500स्कूलोंनेअपनेयहांसेजानकारीभेजीहै.
चंदूनेआरटीआईमेंसवालपूछाथाकिस्कूलमेंकितनेटीचरऔरस्टाफहैंऔरउनमेंसेकितनेकेबच्चेसरकारीस्कूलमेंपढ़तेहैं.जोजवाबआयाउसकेमुताबिक490स्कूलोंके19700शिक्षकऔरकर्मचारियोंमेंसेकेवल217केबच्चेसरकारीस्कूलोंमेंपढ़तेहैं.
इसआंकड़ेकेहिसाबसेअगरदेखाजाएतोमहजएकफीसदीशिक्षकऔरकर्मचारीअपनेबच्चोंकोसरकारीस्कूलमेंभेजतेहैं.उदाहरणकेतौरपरनजफगढ़केकन्याविद्यालयमेंकुल73टीचरऔरस्टाफहैं,लेकिनएकभीअपनेबच्चोंकोसरकारीस्कूलमेंनहींभेजते.मदनपुरखादरकेकन्याविद्यालयमें69शिक्षक-शिक्षिकाएंहैं,लेकिनएकभीअपनेबच्चेकोसरकारीस्कूलनहींभेजते.
दिल्लीमेंतकरीबनएकहज़ारसरकारीस्कूलहैंजिनमेंशिक्षकोंकीसंख्या40हजारसेभीज्यादाहैलेकिनहैरानीकीबातहैकिमहजएकफीसदीशिक्षकहीअपनेबच्चोंकोसरकारीस्कूलोंमेंपढ़ानापसंदकरतेहैं.