देशमेंपिछलेसालआईकोरोनामहामारीमेंहजारोंकीसंख्यामेंलोगोंकीजानचलीगई।कईपरिवारतोऐसेहैं,जिनमेंएकसेज्यादासदस्योंकीमौतहुई।साल2020औरइससालआईइसत्रासदीनेलोगोंकीसोचकोबदलदियाहै।जिनपैतृकसंपत्तियोंकाबंटवारायानामांतरणपरिवारकेसबसेबड़ेमुखियाकेचलेजानेकेबादहोताथा,वहअबजीवितरहतेहोनेलगाहै।यहीकारणहैकिपिछले2सालमेंबड़ीसंख्यामेंरजिस्ट्रीविभागमेंगिफ्टडीडऔरविल(वसीयतनामा)करवानेकेडॉक्यूमेंटरजिस्टर्डहोनेआएहैं।
मुद्रांकएवंपंजीयनविभागकेमहानिरीक्षकमहावीरप्रसादकीमानेतोकोरोनाकालशुरूहोनेकेबादसेगिफ्टडीडऔरवसीयतनामेकेमामलोंमेंइजाफाहुआहै।मुद्रांकएवंपंजीयनविभागसेमिलीरिपोर्टकोदेखेंतोइससालअबतकअप्रैलसेअक्टूबरतक10,770सेभीज्यादाडॉक्यूमेंटवसीयतनामेकेरजिस्टर्डहोचुकेहैं।जबकिसाल2020मेंकुलवसीयतनामे10हजारकेआसपासथे।
वहीं,ब्लडरिलेशनमेंसंपत्तिट्रांसफरकेकरीब42हजारकेसपिछले7महीनेमेंआचुकेहैं,जबकिपिछलेसाल2020मेंयहमामले37हजारकेकरीबथे।
नाती-पोतोंकेनामभीसंपत्तियांट्रांसफरकररहेदादा-दादी
राजस्थानमेंइससालबड़ीसंख्यामेंदादा-दादीकीसंपत्तियांपोता-पोतीकेनामट्रांसफरहुईहैं।इससालअप्रैलसेअक्टूबरतकपूरेप्रदेशमेंकरीब6900ऐसेमामलेआएहैं,जिनमेंपोता-पोतीयादोहिता-दोहिती(नाती-नातिन)केनामपैतृकसंपत्तियोंकाट्रांसफरकियागयाहै।जबकिकोरोनाकालसेपहलेदादा-दादीकीसंपत्तियांपोता-पोतीकेनामट्रांसफरकरनेकेबहुतहीकममामलेसामनेआतेथे।
इसलिएआयाबदलाव
कानूनसेजुड़ेविशेषज्ञोंकाकहनाहैकिबड़ीसंख्यामेंगिफ्टडीडहोना,वसीयतनामाहोनेकेपीछेकारणलोगोंकामहामारीमेंअसामयिकमौतकाडरहै।विशेषज्ञोंकीमानेतोकईपरिवारऐसेहैं,जिनमेंमाता-पितायादादा-दादीकेचलेजानेकेबादछोटे-छोटेबच्चेहीरहगए।इसकेअलावाकईलोगोंकाकोईवारिसनहींथाऔरवहभीइसमहामारीमेंचलेगए।उनकीसंपत्तियोंकेमालिकानाहककोलेकरविवादचलरहाहै।
ऐसीघटनाओंकोदेखतेहुएलोगोंनेअपनीसंपत्तियोंकेबंटवारेयाअपनीवसीयतअभीसेकरवादीहै।ताकिउनकेजानेकेबादसंपत्तियोंकोलेकरकोईविवादनहो।इसकेअलावाविशेषज्ञइसकाएकदूसराकारणसरकारकीओरसेदीगईछूटकोभीमानरहेहैं।राज्यकीअशोकगहलोतसरकारनेगिफ्टडीडपोता-पोतीऔरदोहिता-दोहितीकेपक्षमेंकरनेपरस्टाम्पड्यूटीमेंछूटदीहै।इसीकेचलतेसंपत्तियोंकोट्रांसफरकियाजारहाहै।