संवादसूत्र,रोहनवादा:प्रखंडकेकुंज-कुंजैलागांवस्थितगूहीपोखरकेपासगुरुवारकोदैनिकजागरणकीटीमपहुंची।इसकेसाथहीपोखरकापड़तालकियागया।पड़तालकेक्रममेंपायागयाकिगांवकेदर्जनोंयुवागूहीपोखरकेपासपहुंचकरनिरीक्षणकररहेथे।देखनेकेबादऐसालगाकियुवाशक्तिकेहाथोंकुछनयाहोनेवालाहै।समाजकेविकासमेंअपनाहाथबंटाकरगूहीपोखरकेजीर्णोद्धारकोलेकरविचारविमर्शकररहेथे।युवालोगइसपोखरकेअलावापंचायतकेअन्यतालाबोंकीभीसाफ-सफाईकेलिएअभियानचलानेकीचर्चाकरतेदिखे।लेकिनसबसेपहलेकुंज-कुंजैलागांवकेबीचस्थितगूहीपोखरकेसाफ-सफाईवअतिक्रमणमुक्तकरानेकानिर्णयलियागया।इसकेसाथहीयुवाओंनेपोखरकानामकरणगूहीकीजगहजूहीपोखररखनेकाभीनिर्णयलिया।पड़तालकेक्रममेंयुवाओंनेजागरणटीमकोबतायाकिइसपोखरमेंसालोभरपानीभरारहताथा।लेकिनइसपोखरकीजमीनपरलोगोंद्वाराअतिक्रमणकरलियागया।इसकेसाथहीपोखरमेंलोगोंद्वाराकचराफेंकाजानेलगा।इसकेकारणपोखरकाफीसिमटचुकाहै।लोगोंनेबतायाकिपोखरकीसफाईकरादियाजायतोजलसंचयकासाधनबनसकताहै।इसकेसाथहीजलस्तरकोबरकराररखनेमेंकाफीउपयोगीहोसकताहै।गांवकेयुवाओंनेपोखरकीसफाईकरानेकोलेकरजागरुकताअभियानचलानेकानिर्णयलिया।इसकेसाथहीपोखरकेजीर्णोद्धारकोलेकरयुवाओंनेसंकल्पलिया।
कबहुआथापोखरकानिर्माण
-लोगोंनेबतायाकिकुंज-कुंजैलागांवकेबीचस्थितगूहीतालाबकानिर्माणजमींदारीकेसमयकरीबएकसौसालपहलेकरायागयाथा।जोकरीबपांचएकड़भू-भागमेंफैलाथा।इसपोखरमेंसालोंभरपानीभरारहताथा।इसकेपानीसेखेतोंकीभरपूर¨सचाईकाकामहोताथा।इसकेसाथहीजलस्तरभीबरकराररहताथा।चैतमाहमेंपानीकमहोनेकेबादग्रामीणोंकोभरपूरमात्रामेंमछलीभीउपलब्धहोताथा।परन्तुअबलोगोंकोनतोखेतोंके¨सचाईकेलिएपानीमिलरहाहै।औरनतोखानेकेलिएमछली।पोखरकीभूमिपरग्रामीणोंद्वाराअतिक्रमणकरखेतीकियाजारहाहै।बाकीबचेभूमिपरलोगोंद्वारकचराफेंकनेसेपोखरकाफीसिमटचुकाहै।साथहीपोखरकाअस्तित्वसमाप्तहोतादिखरहाहै।जिसकेकारणदूसरोंकोतृप्तकरनेवालापोखरखुदपानीकोतरसरहाहै।इसकेसाथहीजलस्तरमेंगिरावटआजानेसेआस-पासकाचापाकलभीसूखनेलगाहै।लोगोंकोपेयजलकीसमस्यासेजूझनापड़रहाहै।अबदेखनायहहैकियुवाओंद्वारापोखरकाजीर्णोद्धारकरनेकालियागयासंकल्पकहांतककारगारसाबितहोताहै।
कहतेहैंग्रामीण:-
-पोखरवतालाबोंकेअस्तित्वसमाप्तहोनेकेकारणहीजलस्तरमेंदिन-प्रतिदिनगिरावटआरहीहै।इसकेकारणलोगोंकोपानीकेसंकटसेजूझनापड़रहाहै।अगरयुवाशक्तिसामनेआयेतोअसंभवकामकोभीसंभवकियाजासकताहै।विलुप्तहोरहेतालाबवपोखरोंकेअस्तित्वकोबचायाजासकताहै।साथहीजलसंचयकासाधनकोबरकराररखाजासकेगा।गूहीपोखरमेंसालोभरपानीभरारहताथा।पोखरकापानीकिसानोंको¨सचाईकार्यमेंवरदानसाबितहोताथा।
रामाशीषकुमार¨सह,शिक्षक,कुंज।फोटो-18
तालाबोंकेसंरक्षरणकेलिएलोगोंकोमिलजूलकरकामकरनाचाहिए।इससेविलुप्तहोरहीतालाबोंकेअस्तित्वकोबचायाजासकताहै।बचानेकेसाथ-साथउससेहोनेवालेफायदोंकोआसानीसेउठायाजासकताहै।इसकेलिएगांवकेलोगोंकेसाथ-साथसरकारीस्तरपरपहलकरनेकीजरूरतहै।
सरयुगमहतो,कुंजैला।फोटो-19
कुछलोगोंकीगंदीमानसिकताकेकारणहीआजतालाबवपोखरविलुप्तहोताजारहाहै।जिसकेकारणहमारीसभ्यतावसंस्कृतिकाभीह्रासहोरहाहै।ऐसालगताहैकितालाबवपोखरअबबच्चोंकोकिताबोंमेंहीपढ़नेकोमिलेगा।अगरइसेबचानेकाप्रयासनहींकियागयातोजल्दहीग्रामीणतालाबवपोखरोंकाअस्तित्वसमाप्तहोजाएगा।इसकेलिएसभीलोगोंकोएकजुटहोकरपहलकरनीचाहिए।
बद्रीनारायण¨सह,पूर्वमुखिया,कुंजपंचायत।फोटो-20
ग्रामीणक्षे़त्रोंमेंतालाबवपोखरपरअतिक्रमणकरउसकाअस्तित्वकोसमाप्तकरनेपरलोगतूलेहुएहैं।जिसकाबुराप्रभावपर्यावरणपरपड़रहाहै।जलसंचयकीप्राकृतिकवकृत्रिमसंसाधनोंमेंकमीहोनेकेकारणबारिशकमवगर्मीअधिकपड़तीहै।खासकरगर्मीकेदिनोंमेंजानवरोंकोपीनेकेलिएपानीभीपर्याप्तमात्रामेंउपलब्धनहींहोपारहाहै।गूहीतालाबमेंपानीभरारहनेसेआस-पासकेकिसानोंको¨सचाईकार्यमेंकाफीसहूलियतहोतीथी।
सुमित्रासिन्हा,गृहिणी,कुंजैला।फोटो-21