नयीदिल्ली,30अगस्त(भाषा)उच्चतमन्यायालयनेकहाहैकिकोविड-19नेकईजिंदगियांबर्बादकरदींऔरमहामारीकेदौरानअपनेपिता,मातायादोनोंकोखोदेनेवालेबच्चोंकाजीवनदांवपरलगादेखना‘‘हृदय-विदारक’’है।न्यायालयनेहालांकिऐसेबच्चोंकोराहतपहुंचानेकेलियेकेन्द्रऔरराज्यसरकारोंद्वाराघोषितयोजनाओंकोलेकरसंतोषजताया।उच्चतमन्यायालयनेकहाकिसरकारोंनेउनबच्चोंकीपहचानकरनेमें“संतोषजनकप्रगति”कीहै,जोकोविड-19महामारीकेदौरानयातोअनाथहोगएहैंयाअपनेमाता-पितामेंसेकिसीएककोखोदियाहै।न्यायमूर्तिएलनागेश्वररावऔरन्यायमूर्तिअनिरुद्धबोसकीपीठनेकहा,''हमेंखुशीहैकियूओआई(भारतसरकार)औरराज्यसरकारों/केंद्रशासितप्रदेशोंनेजरूरतमंदबच्चोंकोसहायताप्रदानकरनेकेलिएयोजनाओंकीघोषणाकीहै।हमेंइसमेंकोईसंदेहनहींहैकिसंबंधितअधिकारीऐसेबच्चोंकोतत्कालबुनियादीसुविधाएंप्रदानकरनेमेंकोईकसरनहींछोड़ेंगे।''न्यायालय'बच्चोंकेसंरक्षणगृहोंपरकोविड-19केप्रभाव'कोलेकरस्वत:संज्ञानमामलेकीसुनवाईकररहाथा।अदालतनेआदेशमेंकहाकिएकलाखसेअधिकबच्चोंनेमहामारीकेदौरानयातोमाता,पितायाफिरदोनोंकोखोदियाहै।पीठनेकहा,''कोविड-19नेकईलोगोंविशेषरूपसेअपनेमाता-पिताकोखोनेवालेकमउम्रकेबच्चोंकीजिंदगीतबाहकरदी।यहदेखनाहृदय-विदारकहैकिऐसेअनेकबच्चोंकाजीवनदांवपरलगाहै।''न्यायालयनेकहाकिबालकल्याणसमिति(सीडब्ल्यूसी)कोकिशोरन्याय(बच्चोंकीदेखभालऔरसंरक्षण)अधिनियम,2015केप्रावधानोंकेअनुसारउनबच्चोंकीपहचानकरनेकेलिएजांचतेजकरनीहोगी,जिन्हेंदेखभालऔरसुरक्षाकीआवश्यकताहै।पीठनेकहाकियोजनाओंकालाभजरूरतमंदनाबालिगोंतकपहुंचे,यहसुनिश्चितकरनेकेलिएभीतत्कालकदमउठानेहोंगे।उच्चतमन्यायालयनेकहाकिसभीबच्चोंकोमुफ्तऔरअनिवार्यप्रारंभिकशिक्षाप्राप्तकरनेकासंवैधानिकअधिकारहैऔरबच्चोंकोशिक्षाकीसुविधाप्रदानकरनाराज्यकाकर्तव्यऔरदायित्वहै।पीठने26अगस्तकेअपनेआदेशमेंकहा,''हमेंइसमेंकोईसंदेहनहींहैकिसरकारअसहायबच्चोंकीशिक्षाजारीरखनेकेमहत्वकोसमझतीहै।''पीठनेकेंद्रकीओरसेपेशअतिरिक्तसॉलिसिटरजनरलऐश्वर्याभाटीकीइसदलीलपरगौरकियाकिकोविड-19प्रभावितबच्चोंकीमददऔरसशक्तिकरणकेलिएशुरूकीगई'पीएमकेयर्सबालयोजना'केतहत18वर्षतककेपात्रबच्चोंकोशिक्षाप्रदानकरनेकीबातकहीगईहै।भाटीनेपीठकोबतायाकिइसयोजनाकेतहतपात्र2,600बच्चोंकोराज्योंद्वारापंजीकृतकियागयाहैऔरइनमेंसे418आवेदनोंकोजिलाधिकारियोंद्वाराअनुमोदितकियागयाहै।पीठनेजिलाधिकारियोंकोउनशेषबच्चोंकेआवेदनोंकेअनुमोदनकीप्रक्रियाकोपूराकरनेकानिर्देशदिया,जिनकेनाम'पीएमकेयर्स'योजनाकेलिएपंजीकृतकिएगएहैं।पीठनेकहाकिजिनबच्चोंनेपिछलेसालमार्चकेबादमाता-पितामेंसेकिसीएकयादोनोंकोखोदियाहै,राज्यसरकारेंनिजीस्कूलोंकोवर्तमानशैक्षणिकवर्षकेलिएइनबच्चोंकीफीसमाफकरनेकेलियेकहेगी।न्यायालयनेकहा,''यदिनिजीसंस्थानइसतरहकीछूटकोलागूकरनेकेलिएतैयारनहींहोतेहैं,तोराज्यसरकारशुल्ककाभारवहनकरेगी।''पीठनेकहा,''जहांतकपीएमकेयर्सबालयोजनाकेतहतपंजीकृतबच्चोंकासवालहैतोराज्यसरकारोंकोकेन्द्रसरकारसेमौजूदाअकादमिकसत्रमेंउनकीफीसऔरशिक्षासेसंबंधितअन्यखर्चउठानेकाअनुरोधकरनेकीछूटहै।''पीठनेमामलेकीसुनवाईसातअक्टूबरतकस्थगितकरदी।
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