किशनगंज।बच्चोंकेचहुंमुखीविकासकेलिएपढ़ाईनृत्यवसंगीतकाबहुतजरूरीहै।बच्चोंकेशारीरिकवमानसिकविकासमेंनृत्यवसंगीतकाअहमस्थानहोताहै।इसदिशामेंकिड्रसकार्निवालकामहत्वदोगुनाबढ़जाताहै।यहबातेंगुरूवारकोडीईओकुंदनकुमारनेपूरबपालीस्थितबालमंदिरसीनियरसेकेंडरीस्कूलमेंकिड्सकार्निवालकार्यक्रमकाशुभारंभकरनेकेबादकही।
उन्होंनेकहाकिस्कूलकेबच्चोंकेलिएकिड्सकार्निवालजैसेकार्यक्रमकामहत्वदिनप्रतिदिनबढ़ताजारहाहै।इसकार्निवालकेमाध्यमसेबच्चेअपनीप्रतिभाकोमंचपरप्रस्तुतकरतेहैं।इसकेलिएबच्चोंकीजितनीप्रशंसाकीजाए,वहकमहीहोगा।कार्यक्रमकाशुभारंभवेलकमडांससेकियागया।इसकेबादजिअहोबिहारकेलला,नेपालीलोकनृत्यमैटीघर,बीहूलोकनृत्यबिहुरेलगन,इंदीवालेऔरपापाकहतेहैंनृत्यबच्चोंद्वाराप्रस्तुतकिएगए।इसकेबादनन्हे-मुन्नेबच्चोंद्वाराआठप्रकारकेएकसेबढ़करएकडांसप्रस्तुतकिए।इनमेंइटहैप्पेन्सवनलीइनइंडिया,कृष्णअवतार,पगधोकरनभचढ़ेहो,शोयोरहैट,नन्हेसेकदम,हमचलतेरहे,हमपक्षीउन्मुक्तगगनकेऔरएभरीड्रापइजप्रीसियसशामिलथे।इसदौरानमुख्यरूपसेट्रस्टीराजकरणदफतरी,त्रिलोकचंदजैन,प्राचार्यचंचलगिरि,डॉ.सचिनप्रसादसहितबड़ीसंख्यामेंअभिभावकगणवबच्चेमौजूदथे।