मुजफ्फरनगर,जेएनएन।कवालगांवसेशुरूहुएदंगेकेकलंककोगांवकेलोगआजभूलाकरआगेबढचुकेहै।उनकामाननाथाकिउसदंगेकेकारणकवालगांवकेनामपरएककलंकलगगयाहै।जिसेकवालनिवासीयादभीनहींकरनाचाहतेहै।वहएकदूसरेकेसहयोगसेपहलेकीतरहसेआगेबढकरएकदूसरेकीमददकररहेहै।
2013केदंगेकीबातआतेहीकवालगांवकीयादउभरजातीहै।कवालमेंहुईघटनाकेबादसेहीक्षेत्र2013केदंगोंकेनामसेबदनामहोगयाथा,लेकिनकवालगांवकेलोगआजइसकेभुलाकरआगेबढगएहै।उससमयपैदाहुईनफरतकीदीवारोंकोदोनोंसमुदायकेलोगगिराचुकेहैऔरपहलेकीतरहसेएकदूसरेकेदुखसुखमेंशामिलहोरहेहै।वहउसमनहूसदिनकोयादभीनहीकरनाचाहतेहै।जिसदिनएकमामूलीघटनाकेकारणदोनोंसमुदायकेबीचमेंनफरतकीदीवारखडीहोगईथी।गांवनिवासीमहेंद्रसैनीनेबतायाकिवहएकहादसाथाजिसनेगांवकेसुखचैनकोछीनलियाथा।लोगएकदूसरेकोनफरतकीनिगाहोंसेदेखनेलगेथे।लेकिनअबलोगउसबातकोभूलकरआपसीप्यारऔरमौहब्बतसेरहनेलगेहै।गांवनिवासीमदनलालनेबतायाकिकवालगांवकेलोगपहलेसेहीआपसीसहयोगसेएकदूसरेकीमद्दकरनेकेसाथसाथआपसीसहयोगबनाकररहतेहै।धीरेधीरेलोगअबउसीओरबढनेलगेहै।वहकवालकेदंगोंकोयादतकनहींकरनाचाहतेहै।गांवनिवासीजावेदमियांनेबतायाकिउससमयनफरतकाऐसाउबालआयाथाकिलोगमहीनोंतकघरसेबेघरहोगएथे।रिश्तेदारोंनेभीदूरीबनालीथी।लेकिनसमयकेसाथसाथकवालकेलोगएकदूसरेसेफिरसेघूलमिलगएहै।आफताफनेबतायाकिवहबाजारमेंमिठाईकीदुकानकरताहै।वहसमयऐसाआयाथाकिवहअपनेरोजगारकोखोनेलगाथा।लोगोंनेएकदूसरेकेव्यापारिकप्रतिष्ठानोंपरभीआनाकमकरदियाथा।लेकिनधीरेधीरेवहसमयबीतगयाऔरलोगआपसीसहयोगसेपहलेकीतरहसेरहनेलगेहै।गांवफिरसेनफरतकीदीवारकोगिराकरअमनचैनकीऔरलौटआयाहै।