[विश्वनाथप्रसाद]मानपुर(गया)।मानपुरकासरस्वतीबिगहाअनुसूचितजातिबहुलआबादीकीबस्तीहै।80घरों कीइसबस्तीमेंकरीब450लोगहैं।अधिकांशकापेटईटभठोंपरमिटीगुथनेवपकानेमेंबितातीहै।असाक्षरोंकेबीचकोईसरकारीगुरूजीबनकरबच्चोंकोपढाएगाकिसीनेनहींसोचाथा।लालाकुमारसदाआजसरकारीशिक्षकबनकरसमाजकोपढ़नेलिखनेकेलिएप्रेरितकरतेहैं।
कैसेजलीगांवमेंशिक्षाकीदीप
दोदशकपूवसरस्वतीविगहागांवमेंबसेलोगशिक्षाकेमरमनहींजानतेथे।दालरोटीकेजुगाड़खातिरगांवकेअधिकांशलोगबालबच्चोंकेसाथईटभट्ठेपरचलेजातेथे।स्वगीयएतवारमांझीकापुत्रलालाकुमारसदाकेमनमेंशिक्षाकीआशाजगी।वहमजदूरीकरतेहुएभीसमयनिकालकरशादीपुरमध्यविघालयमेंशिक्षाहासिलकरनाशुरुकिया।आर्थिकमजबूरीउसकेपढाईमेंबाधाबननेलगा।संयोगकहेंकिलालाकाचयनअंबेडकरआवासीयउच्चविधालयमठियानीमेंहोगया।वहींसेमैट्रिकतककीशिक्षाहासिलकिया।उसके बादउसकाचयनटीचरट्रेनिंगस्कूलशेरघाटीमेंहोगया।1980-82मेंटीचरट्रेनिंगकरनेकेबादलालाकुमारसदाघरपरआकरमजदूरीकरनेलगा।इसीदरम्यान1987मेंशिक्षकपदपरनियुक्तहोकरमानपुरस्थितमध्यविधालयभेडियाकलामेंबच्चोंकोशिक्षादेनेलगा।अपनेगांवसरस्वतीबिगहाकेबच्चोंकोभीशिक्षाकेप्रतिजागरूककरनेलगा।उसकेबादयहांकेबच्चेशिक्षाग्रहणकरनेलगे।
मैट्रिकमें24औरबीएमेंछह
ईंटभट्ठेपरकामकरनेवालोंकेबच्चेकाफीलगनसेपढ़नाशुरुकरदिए।जिसकापरिणामहुआकीगांवमें24बच्चोंनेमैट्रिकपासकरलिया।वहींछहबच्चोंनेस्नातकतककीशिक्षाग्रहणकरली।गांवकेअन्यबच्चेभीशिक्षाहासिलकरनेमेंजुटेहैं।
नौकरीकाप्रयास
गांवकेजितलालमांझीउफजितेन्द्रमांझीकेपुत्रविकासकुमारबतातेहैंकिमैंस्नातककीडिग्रीहासिलकरसरकारीनौकरीपानेकेलिएकाफीमेहनतकररहाहूं।मेरीइच्छाहैकिपुलिसविभागमेंनौकरीपाकरदेशकीसुरक्षामेंयोगदानदूं।इसकेलिएमैंप्रयासरतहूं।गांवकेअन्यबच्चे-बच्चियांभीसरकारीनौकरीपानेकेलिएजीजानसेलगेहैं।
ऐसेहुआपरिवर्तन
पूर्ववार्डसदस्यनंदुमंडलकाकहनाहैकिगांववालोंकीसोचमेंकाफीपरिवर्तनहुआ।गांवमेंएकशिक्षकबननेकेबादसारेलोगोंकेसोचमेंपरिवर्तनहोगया।लोगोंकाकहनाहैकिशिक्षाहीएकऐसाधनहैजोजिंदगीमेंखुशहालीलासकताहै।यहीकारणहैकिमजदूरीकरनेवालेभीअपनेबच्चोंकोगुणवतापूर्णशिक्षादेनेमेंजुटेहैं।