सहरसा।सत्तरकटैयाप्रखंडमेंचौथेचरणमेंमतदानहोनाहै,लेकिनपंचायतचुनावकीअधिसूचनाजारीहोतेहीगांवोंमेंनईपंचायतसरकारकेगठनकोलेकरसरगर्मीतेजहोगई।युवाओंकीमानेंतोगांवकेविकासमेंपंचायतीराजकीभूमिकाअहमहोगईहै।पंचायतप्रतिनिधियोंकेसकारात्मकसोचसेहीगांवकासर्वांगीणविकाससंभवहै।जबतकगांवोंकाविकासनहींहोता,तबतकदेशएवंराज्यकेविकासकीबातकरनाबेमानीहोगी।पंचायतचुनावकोलेकरयुवाओंनेकैसाहोअपनागांवकेसंबंधमेंखुलकरअपनीबातेंरखी।सभीयुवाओंनेकहाकिसबकाबसएकहीसपना,सुंदरगांवहोअपना।
गांवोंकेविकासमेंपंचायतीराजव्यवस्थाकीअहमभूमिकाहोगईहै।यहतभीसंभवहैजबपंचायतप्रतिनिधियोंमेंगांवोंकेविकासकेप्रतिललकहोऔरवेकर्मठताकेसाथकार्यकरें।
गांवकाविकासतभीसंभवहैजबपंचायतप्रतिनिधिग्रामीणोंकेसाथकदमसेकदममिलाकरआगेबढ़े।चुनावजीतनेकेबादअधिकांशप्रतिनिधिअपनाराजचलानेलगतेहै,जोगलतहै।
पंचायतीराजव्यवस्थाएकअच्छीव्यवस्थाहै।लेकिनआजइसव्यवस्थामेंभ्रष्टाचारहावीहोगयाहै।इसकारणयहव्यवस्थाअपनेमूलउद्देश्यसेभटकतीजारहीहैं।जोचितनीयहै।
सरकारनेपंचायतोंकेसर्वांगीणविकासकरवानेकेलिएपंचायतप्रतिनिधियोंकोअधिकारतोदेदियागयाहै,लेकिनउसकीसहीढ़ंगसेनिगरानीनहींहोनेकेकारणकईविकासात्मकयोजनाओंकाहालबेहदखराबहै।