जासं,हाथरस:हमशनिवारको74वांस्वतंत्रतादिवसमनानेजारहेहैं।यहदिनसभीकेलिएखासहै।खासकरउनकेलिएजिन्होंने15अगस्त1947मेंआजादीकेदिनसूरजकोउदयऔरअस्तहोतेदेखाहै।अंग्रेजोंकेशासनऔरआजादीकेबादकेसमयगवाहरहेयेबुजुर्गअबजिदगीकीशामसेगुजररहेहैंलेकिनआजादीकाजज्बाआजभीकायमहै।वेउनदिनोंकोआजकेपरिवेशमेंयादकरनएहालातऔरजीवनशैलीमेंभारीबदलावपातेहैं।उनकाकहनाहैकिउनदिनोंकोकभीनहींभुलापाएंगे।उन्हेंफºहैकिदेशपरमरमिटनेवालोंकीवजहसेहमारीपीढ़ीआजाददेशमेंसांसलेरहीहै।नईपीढ़ीनहींसमझतीआजादीकेमायने
सिकंदराराऊकेगांवनगलाब्राह्मणनिवासी97वर्षीयबनवारीलालशर्माउससमय24वर्षकेथे।आजादभारतकीवहपहलीसुबहआजतकउनकीयादोंमेंहै,जबसबएकदूसरेकोबधाईदेरहेथे,मिठाईखिलारहेथेऔरभारतमाताकीजयकेनारेलगारहेथे।पेशेसेशिक्षकरहेबनवारीलालशर्माकाजन्म1923मेंहुआथा।अंग्रेजोंकीतानाशाहीकीबातेंकरते-करतेभावुकहोतेहुएकहाकिआजकीपीढ़ीआजादीकेमायनेनहींसमझतीहै,लेकिनजिनलोगोंनेगुलामीदेखीथी,वेवास्तवमेंआजादीकामतलबसमझतेहैं।क्योंकिजिसदिनदेशआजादहुआथा,हमगांवमेंहीथे।कहरहेथेकिअंग्रेजोंकोहिदुस्तानसेखदेड़दियागयाहै।हमनेभीअपनेदोस्तोंकीटोलीकेसाथपूरेगांवमेंनारेलगातेहुएजश्नमनायाथा।उसकेबादगांवमेंपूजाकाएककार्यक्रमगांववालोंनेआजादीकीखुशीमेंरखाथा।उसदिनदीपावलीयाहोलीकेत्योहारजैसामाहौलपूरेदेशमेंथा।तबघर-घरबांटेजातेथेचरखे
हाथरसकेहलवाईखानानिवासी80वर्षीयलक्ष्मीनारायणअपनावालेउससमयसातसालकेथे।जबहोशसंभालातोस्कूलोंकेअलावाअन्यस्थानोंपरआजादीकाजश्नलोगएकसाथमिलकरमनातेथे।उससमयशहरकेबीचोंबीचस्थितघंटाघरपरतबघड़ीकीसुइयांचलतीथीऔरउसेआकर्षकढंगसेसजायाथा।उसकेऊपरखादीकातिरंगाफहराथा।अबयहघड़ीबंदहोचुकीहै।घर-घरवदुकानोंपरचरखेबांटेजातेथे।कहाजाताकिघरपरबनेधागेसेखुदकेबुनेकपड़ेपहनो।रेडियोहरकिसीकेपासहोतेथे।समाचारसुननेलिएपहलेसेहीभीड़लगजातीथी।उसीदौरानरेडियोपरदेशभक्तिकेगानेसुनतेथे।अबऐसाकुछदिखाईनहींदेताहै।तबकानूनव्यवस्थासख्तथी।बंटवारेकेसमययहांभीतनावथामगरइसशहरमेंशुरूसेहीसांप्रदायिकसौहार्दरहाहै।
बस्तियोंमेंघूमकरमनाते
थेआजादीकाजश्न
कस्बाहसायनकेमोहल्लादखलनिवासी88वर्षीयभगवानसिंहकुशवाहाउससमय15सालकेथे।बतातेहैंदेशकीआजादीकीखुशीघर-घरमेंथी।बच्चेऔरबड़ेएकसाथहाथमेंतिरंगेलेकरबस्तियोंमेंघूमकरआजादीकाजश्नमनातेथे।अबऐसादिखाईनहींदेताहै।आजादीकेबादजमींदारीप्रथाखत्महुई।उससेआमआदमीकोफायदाहुआ।पहलेजमीनगिनेचुनेलोगोंकेपासहोतीथी।देशआजादहोनेकेसाथआबादीबढ़ीतोसंसाधनभीबढ़े।हमनेवहदिनभीदेखाहैजब60किलोमीटरकीदूरीपरअलीगढ़जिलाहुआकरताथा।मुकदमोंकीतारीखकरनेपैदलहीतड़केतीनबजेनिकलतेथेऔररातको11बजेलौटतेथे।भारतवपाकिस्तानकेबंटवारेकेसमयहालातोंकोवेकभीनहींभूलपाएंगे।