मजहबनहींसिखाताआपसमेंबैररखना।
हिदीहैंहमवतनहैंहिदुस्तांहमारा।।येपंक्तिइनदिनोंमुस्लिमबाहुल्यगांवचौकनियामेंसटीकबैठरहीहै।जहांएकमुस्लिमव्यक्तिनेगंगा-जमुनीतहजीबकीअनूठीमिसालपेशकीहै।करीब60सालपुरानीशिवमंदिरकोनिजीखर्चेपरजीर्णोद्धारकराकरहिदू-मुस्लिमकेबीचएकसंदेशदेनेकाकामकिएहैं।मंदिरकोसंवारनेमेंअबतककरीबढाईलाखरुपयेखर्चहोचुकेहैं,जबकिइसकोऔरभव्यताप्रदानकरानेमेंकरीबएकलाखरुपयेऔरखर्चहोनेकाअनुमानहै।हालांकिजीर्णोद्धारकरानेवालेव्यक्तिमोहम्मदइलियासशेखप्रधानपतिहैं,परंतुउन्होंनेजोभीपैसामंदिरकेसुंदरीकरणमेंव्ययकियाहै,वेस्वयंकेपाससेलगायाहै।
डुमरियागंजतहसीलअन्तर्गतकरीबतीनहजारकीआबादीवालाचौकनियागांवमुस्लिमबाहुल्यहै।यहांवर्ष1961मेंशिवमंदिरकानिर्माणगांवकेहीसत्यदेवसिंहनेअपनीनिजीभूमिपरकरायाथा,बादमेंभूमिकोमंदिरकेनामकरदिया।मंदिरप्रांगणमेंमहाशिवरात्रिपरभव्यमेलेकाआयोजनहोताआरहाहै।वर्तमानमेंमंदिरकाफीपुरानाहोगयाथा।जिसकाजीर्णोद्धारकिन्हींकारणवशनहींहोपारहाथा।गांवनिवासीमो.इलियासजोपहलेमुंबईमेंरहतेथे,बादमेंवहयहांआएऔरअपनीपत्नीकोप्रधानपदकेलिएचुनावलड़ाया,जिसमेंवहनिर्वाचितभीहुईं।उसकेबादवेमंदिरकेजीर्णोद्धारकरानेमेंजुटगए।जहांमंदिरस्थापितहै,भूमिस्वामीहरिश्चंद्रसिंहसेपूछकरमंदिरकोसंवारेमेंलगगए।वर्तमानमेंमंदिरकाकाफीहदतककायाकल्पहोचुकाहै।मंदिरमेंलगेकारीगरकेअनुसारकरीबढाईलाखरुपयेलगचुकेहैं,जबकिअभीलगभगएकलाखऔरलगनेकीउम्मीदहै,इसकेबादमंदिरआकर्षककाकेंद्ररहेगा।
क्याकहतेहैंमोहम्मदइलियास
भारतभारी:गांवनिवासीमो.इलियासनेकहा,किजबवेचुनावकेदौरानजनसंपर्ककररहेथे,तोमंदिरकीस्थितिकोदेखकरहीमनमेंठानलियाथा,किअगरउन्हेंमौकामिला,तोवहप्रधानीखर्चपरनहीं,बल्किनिजीपैसोंसेमंदिरकीमरम्मतकराएंगे।जिसकेचलतेउन्होंनेजीर्णोद्धारकाकार्यशुरूकराया,जोकाफीहदतकपूर्णहोचुकाहै।मंदिरकेपासस्टीलरेलिग,चारोंतरफफूल-क्यारी,फर्शपरइंटरलाकिगआदिकार्यकरायाजानाबाकीहै।निर्माणचलरहाहै,शीघ्रहीइसकीभव्यताहरकिसीकोदिखाईदेनेलगेगी।