बिहारम्यूजियमनेबुद्धपूर्णिमाकोअनूठेअंदाजमेंमनाया।30ब्लाइंडबच्चियोंनेबुद्धकेबारेमेंबौद्धभिक्षुओंसेजाना।पत्थरोंकोछूकरदेखाऔरफिरमिट्टीसेबुद्धकीमूर्तियांबनाईं।येबच्चियांपटनाकेअंतरज्योतिविद्यालयकुम्हरारसेयहांआईथीं।इसकार्यशाला‘स्कल्पचिंगबुद्धा’काउद्घटानकला,संस्कृतिएवंयुवाविभागकीसचिववंदनाप्रेयषीनेकिया।उन्होंनेकहाकिऐसीकार्यशालादृष्टिहीनबच्चोंकेव्यक्तित्वविकासमेंकाफीसहयोगीहैं।इसलिएविभागहरसंभवसहयोगकोतैयारहै।
सीनियरआर्टिस्टनेकीबच्चियोंकीमदद
बच्चोंकोमिट्टीसेमूर्तियांबनानेमेंउपेन्द्रमहारथीशिल्पअनुसंधानसंस्थानपटनाकेसीनियरआर्टिस्टकाजलरघुवंशी,जगदीशपांडेयऔरपिंटूप्रसादनेसहयोगकिया।बच्चोंनेपेपरमेसी,क्लेएंडप्लास्टरऑफपेरिससेभीबुद्धऔरबौद्धधर्मसेजुड़ीवस्तुओंकानिर्माणकिया।कार्यशालामेंबोधगयामंदिरप्रबंधनसमितिकीसदस्यागोपामहारथीनेअपनेविचाररखे।
बच्चियोंमेंगजबकापरफेक्शनदिखा
पिंटूप्रसादनेभास्करकोबतायाकिब्लाइंडबच्चोंमेंमूर्तिकलाकोलेकरइतनाअधिकपरफेक्शनदेखनाकाफीआश्चर्यजनकरहा।बच्चोंनेपीतलकोटचकरबतादियाकिवहपीतलहै।उसीतरहपत्थरकोटचकरवेसमझगएकिपत्थरहै।बच्चोंनेजबमूर्तियांबनानीशुरूकीतोनाक,कानसभीसहीजगहपरलगाया।यहदेखनाभीबेहदआश्चर्यमेंडालनेवालारहा।वेकहतेहैंकिइनब्लाइंडबच्चोंकासिक्ससेंसकाफीएक्टिवहै।उनकोसिखातेहुएहमकलाकारोंकोभीकाफीबातेंसीखनेकोमिलीं।कार्यक्रमकाआयोजनडॉ.सुनीलकुमारझाकीदेखरेखमेंकियागया।क्यूरेटरडॉ.शंकरजयकिशनऔरडॉ.विशिउपाध्यायनेकाफीसहयोगकिया।