लंदन,01सितंबर।अफगाननागरिकोंकेपुनर्वाससेजुड़ीब्रिटेनकीनईनीतिकेतहतइससालपांचहजारअफगाननागरिकोंकोब्रिटेनमेंपनाहमिलेगी.लंबीअवधिमेंकुलमिलाकरबीसहजारलोगोंकोशरणदेनेकेलिएब्रिटेनराजीहुआहै.सीमितशरणार्थीस्वीकारकरनेकीबातपरब्रिटेनकीइसनीतिकीआलोचनाहोरहीहै.बॉरिसजॉनसनसरकारकोअफगानिस्तानकेलोगोंकेप्रतिअपनीजिम्मेदारीकीदुहाईदीजारहीहै.धर्मऔरराजनीतिकीबहसोंसेआगेनिकलकर,येमौकाहैइसबातकोसमझनेकाकिअपनादेशऔरसमाजछोड़करएकअनजानेदेशमेंरिफ्यूजीबननेसेशुरूहोनेवालेइससफरमेंलोगोंकेसाथक्याहोतारहाहै.
अफगानलोगोंकेब्रिटेनमेंपनाहलेनेकासिलसिला1980केदशकसेचलरहाहै.साल2019केसरकारीआंकड़ोंकेमुताबिकब्रिटेनमेंऐसे79000लोगरहरहेहैंजिनकाजन्मअफगानिस्तानमेंहुआथा.ताजाआंकड़ेंबतातेहैंकि30जून2021तक3213अफगानशरणार्थियोंकेमामलेमेंशुरूआतीफैसलाबाकीहैजबकिकुलअर्जियां8374तकपहुंचचुकीहैं.मतलबयेहैकिशरणलेनेकेलिएअर्जियोंऔरलोगोंकेआनेकासिलसिलाबदस्तूरजारीहै.हालांकिआंकड़ेयेनहींबतातेकिजोब्रिटेनमेंबसगएउनकेलिएअफगानिस्तानसेबाहरजिंदगीबसरकरनेकेमायनेक्यारहेहैं?अपनेघर-बारसेउजड़ेलोग,एकअलगदुनियामेंआशियानाढूंढतेहुएकिनहालातकासामनाकरतेहैं?
जिंदगीकीलयछूटी
नब्बेकेदशकमेंतालिबानकेसत्तापरकाबिजहोनेकेबादआतंककाजोमाहौलपैदाहुआ,उसमेंअपनेपरिवारकोबचानेकीजद्दोजहदमेंलोगएकबारनहींकईबारविस्थापितहुए.अपनीकिशोरावस्थामेंब्रिटेनमेंकदमरखनेवालीसनोबरसलीमकीकहानीभीऐसीहीहैजिनकायहांपहुंचनेकारास्तावायापाकिस्तानहोकरगुजरा.सनोबरकहतीहैं,"देशछोड़नामेरेपूरेअस्तित्वकेलिएउथल-पुथललेकरआया.अफगानिस्तानमेंअपनीजमीनसेउखड़करमुझेयहांशून्यसेशुरूआतकरनीपड़ी.हमेशाऐसालगतारहाकिमुझेअपनीउम्रसेआगेबढ़करकुछकरनेकीजरूरतहैवरनामैंपीछेछूटजाउंगी.मैंनेनाठीकसेबचपनजियाहैनायुवावस्था,अबजबमैंअधेड़उम्रकीदहलीजपरहूंतोलगताहैकिजिंदगीकीलयबिगड़गई,सबबेतरतीबसागुजरगया."
लंदनमेंअनुवादककेतौरपरकामकरनेवालीसनोबर(बदलाहुआनाम)मानतीहैंकिब्रिटेननेउन्हेंअपनेपैरोंपरखड़ाहोनेकामौकादियालेकिनदेशछोड़नेसेपरिवारऔरसांस्कृतिकदायरेपीछेछूटजाएंऐसानहींहोता.वोबतातीहैं,"ब्रिटेननेमुझेअपनीमर्जीसेकुछकरनेसेनहींरोकालेकिनमेरेपरिवारऔरसांस्कृतिकनजरिएनेबेड़ियांडालीं.किसीपश्चिमीदेशमेंआकररहनेसेअपनेपरिवारकीरूढ़िवादीसोचकोबदलानहींजासकता.मेरेलिएअफगानिस्तानसेबाहरहोनेकासुकूनसिर्फयेहैकिइसवक्तजोहोरहाहैमैंउसबर्बरताकेलिएजिम्मेदारमहसूसनहींकरती."
एकमहिलाकेतौरपरसनोबरकेअनुभवोंकीकईपरतेंहैंजोउनकेपतिसलीम(बदलाहुआनाम)सेजुदाहैं.हालांकिशरणार्थीबननेसेलेकरब्रिटेनमेंबेहतरजिंदगीगढ़नेतकसलीमकासफरभीउलझनोंऔरमजबूरियोंसेभरारहा.1993मेंपढ़ाईकेलिएवीजालेकरलंदनपहुंचेसलीमने1994मेंअफगानिस्तानकेहालातदेखतेहुएघरलौटनेकीबजायब्रिटेनमेंहीशरणार्थीबननाबेहतरसमझा.
सलीमकहतेहैं,"मां-बापसेदूरअकेलेरहनेऔरसंघर्षोंकेलिएमैंतैयारनहींथा.नाभविष्यकाकोईभरोसा,नाहीदोस्तयापहचानकेलोगथे.बहुतकड़ीपरिस्थितियोंसेगुजरतेहुएआजमेरेपाससबकुछहैलेकिनआपजहांपैदाहोतेहैंवोजगहअगरआपसेछीनलीजाएतोफिरआपकहींकेहोनहींपाते.लंबेवक्ततकबाहररहनेकेबादआपलौटतेभीहैंतोलोगआपकोमेहमानकीतरहदेखतेहैं.येएहसासआपकेअंदरकुछतोड़सादेताहै."बिखरावकेइसएहसासकेबावजूदसनोबरऔरसलीमजैसेलोगोंनेअपनीजिंदगीकीइमारतदोबाराखड़ीकी.जमीनछोड़देनेसेदेशछूटगयाहो,ऐसानहींलगताऔरब्रिटेनमेंउन्हेंअपनापनमिलगयाहोयेकहनाभीमुश्किलहै.
अफगानमतलबतालिबानी
साल2001मेंअमेरिकाकीअगुआईवालीसेनाओंकेतालिबानकोसत्तासेबेदखलकरदिएजानेकेबादभीअफगानिस्तानकेअलग-अलगइलाकोंसेलोगब्रिटेनपहुंचतेरहे.बदलतेहालातमेंदेशसेनिकलकरयहांबसनेकामतलबशांतिऔरसुकूनरहाहोगा,इसधारणापरसवालियानिशानलगातेहैं,शोक्रियामोहम्मदीजैसीअफगानयुवतियोंकेअनुभव.चौदहबरसकीशोक्रियाअफगानिस्तानकेएकगांवसे2008मेंलंदनआईं.अंग्रेजीनाबोलपानेकीदिक्कततोसामनेथीहीलेकिनस्कूलशुरूहोनेकेबादकुछऐसाहुआजिसकाअंदाजाउन्हेंदूरतकनहींथा.शोक्रियाबतातीहैं,"मुस्लिमहोनेकेनातेमैंसिरपरस्कार्फपहनकरस्कूलजातीथी.स्कूलमेंमेरेसाथियोंनेकहाकितुमआतंकीहो,तुमतालिबानहो.मैंबिल्कुलहैरानथीक्योंकिमैंजहांपली-बढ़ीवहांमेरासामनाकिसीतालिबानीसेकभीनहींहुआ.येअनुभवआपकोबतादेतेहैंकिआपइससमाजकेलिएहमेशाबाहरीरहेंगे."
नैन-नक्शऔररंगसेजुड़ेरेसिज्मयानीजातीयभेद-भावकीकहानियांब्रिटेनमेंलगभगहरअफगानकीजुबानपरमिलजाएंगीचाहेवोकिसीभीदशकमेंयहांक्योंनापहुंचेहों.हालांकिशोक्रियायेभीमानतीहैंकिअगरउन्होंनेअपनादेशनहींछोड़ाहोतातोजिंदगीउनकेहिसाबसेनहींबल्किउनकेरूढ़िवादीदादाकेहिसाबसेचलतीऔरआजनौकरीशुदाहोनेकेबजायवोपांचबच्चोंकीमांहोतीं.अफगानऔरतेंयेस्वीकारकरतीहैंकिब्रिटेनमेंउन्हेंपढ़नेऔरकामकरनेकेवोमौकेमिलेजोअपनेदेशमेंमुमकिननहींहोतेयानीपहचानकाएकनयासंकटदेनेवालेदेशमेंनईपहचानतलाशनेऔरतराशनेकेमौकेभीमौजूदथे.
जीनेकामौकाऔरअपनोंकादर्द
पहचानकासंकटनएदेशमेंबड़ानजरआताहैलेकिनकुछअफगानलोगोंकीनिगाहमेंयेजानजानेकेखतरेसेकमडरावनाहै.खासकरहजारासमुदायकेलोगोंकेलिएजिनकेखिलाफहिंसाकासिलसिलालंबेसमयसेचलरहाहै.परवेजकरीमीइसीसमुदायकेहैं.वोसाल2012में,सोलहबरसकीउम्रमेंअपनेपिताकेसाथब्रिटेनपहुंचे.वुल्वरहैंप्टनमेंरहनेवालेपरवेजकहतेहैंकिपिछलेनौसालोंमेंबहुतकुछदेखाहै."जबस्कूलजानाशुरूकियातोसाथियोंनेबहुतपरेशानकिया.मैंमुश्किलसेअंग्रेजीकेशब्दबोलपाताथा.जिसस्कूलमेंथावहांमुस्लिमबहुतकमथेजिसकीवजहसेमुझेकाफीकुछझेलनापड़ा.वोमुझसेपूछतेथेकिक्यामेरेपासबंदूकहै.बहुतमुश्किलवक्तरहाफिरभीमुझेनहींलगताकिअगरमैंयहांनहींआतातोयूनिवर्सिटीकीसूरतदेखपाता.शायदजिंदाहीनहींहोता."
परवेजकीइसीबातकोदोहरातेहैंबर्टनअपॉनट्रेंटशहरमेंरहनेवालेओमिदजाफरी.अफगानिस्तानकेगजनीप्रांतकेरहनेवालेओमिदभीहजाराहैंऔरजानबचानेकेलिएसाल2000मेंब्रिटेनमेंशरणली.बर्टनशहरमेंअफगानोंकीमददकेलिएएकसंस्थाचलानेवालेओमिदबहुतसाफशब्दोंमेंकहतेहैं,"मुझेब्रिटेनमेंनईजिंदगीशुरूकरनेकामौकामिला.यहांमुझेहिकारतसेनहींदेखागया.मेहनतकरनीपड़ीपरकाममिलतागयाऔरमैंअपनेबीवी-बच्चोंकोभीयहांलासका.मेरीअपीलहैकिब्रिटेनकोअफगानिस्तानमेंफंसेअल्पसंख्यकोंऔरमहिलाओंकोनिकालनाचाहिए."
ओमिदतालिबानीहिंसाकेचश्मदीदरहेहैं.शोक्रियाऔरपरवेजजैसेयुवाजिन्होंनेतालिबानीकब्जेकादौरतबनहींदेखा,वोअबदूरसेदेखरहेहैं.उन्हेंअपनीबेहतरस्थितिकाअंदाजाहैलेकिनदेशनाछोड़पानेवालेअपनेजैसेअफगानलोगोंकेदर्दमेंवोखुदकोसाझेदारभीमानतेहैं.घरकीयाद,विस्थापनऔरपहचानकेमकड़जालमेंफंसेब्रिटेनकेअफगानलोगोंनेअपनेनएदेशकोघरबनानेकीकोशिशकीऔरकामयाबभीरहे.फिलहालउन्हींकीतरहसैकड़ोंलोगनईजिंदगीकीआसलिएब्रिटेनमेंकदमरखरहेहैं.शरणार्थियोंकोदेखकरआंखेंटेढ़ीकरनेवालोंकोयेसमझनेकीजरूरतहैकिअगरअपनेदेशमेंहालातजीनेलायकहोंतोरिफ्यूजीबनजानेकाख्वाबकोईनहींपालता.
(कुछनामपहचानगुप्तरखनेकेउद्देश्यसेबदलेगएहैं).