सुशीलभाटिया,फरीदाबादबल्लभगढ़केसेक्टर-3निवासीदंपतीके12वर्षीयबेटेकेमन-मस्तिष्कमेंपिछलेकईदिनोंसेयहचाहतबार-बारकौंधरहीथीकिउसेबेंगलुरुशहरघूमनाहै।बेंगलुरुहीक्यों,जबइसबारेउसकीमांसेपूछताछकीगई,तोजवाबमिलाकिवहांबच्चेकीमौसीरहतीहै।घरमेंअक्सरइसशहरकीचर्चाहोतीथी।जिससेबेंगलुरुशहरकानामबच्चेकेबाल-मनमेंघरकरगया।इसलिएउसनेबेंगलुरुकाहीटिकटलिया।हालांकिबच्चेनेबतायाकिवहमौसीकेघरजानेकीबजायवहांशहरमेंहीघूमता।मांनेबेटापढ़नेलिखनेमेंहोशियारहै।अच्छेस्कूलमेंशिक्षापढ़रहाहै।उसकेबारेमेंकभीशिकायतनहींमिली,हांयहजरूरहैकिमांगपूरीनहोनेपरकभी-कभीउसेगुस्साआजाताथा।मांनेभगवानकाशुक्रियाअदाकरतेहुएकहाकिउनकाबेटासकुशलघरलौटआयाहै,इसलिएवहऔरज्यादाकुछनहींकहनाचाहती।घरमेंबच्चेकोप्यारसेसमझाएंगी।
ऐसीपरिस्थितयांतबपैदाहोतीहैं,जबबच्चेअपनेअभिभावकोंसेकिसीखासचीजकीमांगकरतेहैंऔरतबमाता-पिताबच्चोंकोप्यारसेसमझानेकीबजायसीधेरूपसेडांटकरमनाकरदेतेहैं।इसतरहकेव्यवहारमेंबच्चोंवमाता-पिताकेबीचबेहतरसंवादकीस्थितिखत्महोजातीहै।अभिभावकतबयहसमझनेकीकोशिशनहींकरतेकिबच्चाऐसीमांगक्योंकररहाहै,उसमेंऐसीभावनापैदाक्योंहुई।ऐसीस्थितिपैदानहो,इसलिएमाता-पिताबच्चोंकोअपनेनिर्णयलेतेसमयउन्हेंसाथमेंशामिलकरें,उन्हेंबताएंकिउनकीआर्थिकस्थितिऐसीनहींकिअमुकशहरभेजेंयामहंगीकोईचीजखरीदसकें।बच्चोंकोऊंच-नीचवसही-गलतकेबारेमेंभीसमझाएं।बच्चोंकेसाथबेहतरतालमेलवसंवादहोनेपरऐसीपरिस्थितियांनहींआएंगी।
-डॉ.पूनमगुप्ता,मनोविश्लेषक,फरीदाबाद