जासं,सकलडीहा(चंदौली):वैश्विकमहामारीकेबीचएक-दूसरेकीमददकाजज्बासराहनीयहै।इससंक्रमणकालमेंगरीबोंकोनिवालापहुंचानेकेलिएभारतीयोंकेबढ़ेहाथोंनेसंवेदनशीलताकाअनूठाउदाहरणप्रस्तुतकियाहै।ग्रामीणक्षेत्रभीइससेअछूतेनहीं।व्यापारी,सक्षमनागरिकवस्वयंसेवीसंस्थाएंअपनेसामर्थ्यभरलोगोंकीमददकररहीहैं।ऐसेमददगारोंकीसंख्यामेंरोजइजाफाहोरहाहै।
10दिनोंकेलॉकडाउनमेंसबसेखराबस्थितिरोजमर्राकेकामगारोंकीहै।रोजकुआंखोदकरपानीपीनेवालेलोगोंकापेटभरनामुश्किलहोनेलगा।ऐसेमेंसमाजकाहरतबकाआगेआयाऔरगरीबोंकोखानावअनाजकीजिम्मेदारीअपनेकंधेपरलेलिया।अपनेसामर्थ्यभरमददकरनेवालोंकीसंख्यादिन-प्रतिदिनबढ़तीजारहीहै।इसमेंव्यापारी,जनप्रतिनिधिवस्वयंसेवीसंस्थाएंशामिलहैं।मंगलवारकोभाजपाकेअजीतपाठकनेताजपुरगांवमेंजरूरतमंदमहिलाओंकोभोजनसामग्रीवितरितकी।कहासंकल्पलेंकिइसविकटघड़ीमेंअपनेआस-पासकेगरीबोंकोखालीपेटनसोनापड़े।इसीक्रममेंनागेबिगबाजारकेअधिष्ठातानागेनेगरीबोंमेंवितरणकेलिए100पैकेटभोजनसामग्रीएसडीएमवसीओकोसौंपा।समाजसेवीसेचनयादवनेअपनेपेंशनकीधनराशिसेगरीबोंमेंअनाजबांटी।कस्बाकेनंदन,बबलूभारतीवसत्यनारायणपिछलेएकसप्ताहसेवनवासीबस्तियोंमेंलोगोंकोखानाखिलारहे।दिलचस्पयहहैकियहकार्यकिसीदबावमेंनहींकियाजारहा।लॉकडाउनकीगंभीरतानेयुवाओंकोइतनासंवेदितकरदियाहैकिउन्होंनेसंकल्पलियाहैकिऐसीविकटपरिस्थितिमेंसरकारकासहयोगकरतेहुएलोगोंकीज्यादासेज्यादामददकरेंगे।