राजनारायणसिंह, अलीगढ़। प्रवासीमजदूरीकेलिएगांवकीमीठीछांवतसल्लीभरहै।इसेसुकूननहींकहसकते।बुरेवक्तमेंसमयपासकरनाहै।शहरोंकोहीठांवसमझो।जरूरतेंशहरोंसेहीपूरीहोतीहैं।यहसबछोड़देंतोभीबच्चोंकीअच्छीपरवरिशऔरपढ़ाईकाजरियाशहरहीहैं।अगरगांवोंमेंसबहोतातोकौनयहांसेजानेकोराजीहोता।भलेहीशहरमेंपत्थरतोडऩेपड़ेंलेकिनतसल्लीमिलतीहै।यहबातेंबुधवारकोगांवभ्रमणपरनिकलेजागरणप्रतिनिधिसेबातचीतकेसिलसिलेमेंशेखाझीलसेसटेगांवभवनखेड़ामेंमोपेडपरफेरीलगाकरसब्जीबेचरहेराजूकीहैं।
घड़ीनेसुबहके10बजाएथे,मगर,सूरजदोपहरएकबजेजैसीतपनदेरहाथा।एटाचुंगीसेहाईवेकीओरसेबढ़ेतोपनेठीकाबाजारगुलजारथा।दुकानोंपरग्राहकोंकीभीड़थी।देखतेहीमनमेंसुकूनमेंआगया,चलोगांवचलपड़ेहैं,कोरोनाकीदहशतसेनिकलपड़ेहैं।पनेठीसेशेखाझीलकीओरबढ़ेतोरोडकेदोनोंओरमक्का-ज्वारकीलहलहातीफसलें,आंखोंकीतपनकमकरनेलगीं।गाड़ीगांवभवनखेड़ाकीओरमोड़दी।नुक्कड़परशराबकेठेकापरकुछअपनीधुनमेंमस्तथे।आगेबढ़ेतो3200कीआबादीवाले1200मतदातावालेगांवमेंरस्तेमेंमोपेडपरसब्जीलादेशख्सदिखे।उनकाजुगाड़देखनेलायकथा।एकहीडलियाकईतरहकीसब्जियांथीं।प्लास्टिककेडिब्बेमेंपानीभीथा,जिससेसब्जियोंपरछींटेमारतेरहें।बातचीतकरनेपरउन्होंनेअपनानामराजूबताया।अखबारनवीससमझतेहीशुरूकरदीअपनीकहानी।बोले,शिमलामेंपत्थरतोडऩेकाकामकरताथा।10-12हजाररुपयेमहीनेकमाकर पत्नीवदोबच्चोंकेसाथचैनमेंथे।मगर,लॉकडाउननेसपनेधूमिलकरदिए।काम-धंधाबंदहोनेपरगांवआगया।कैसेगांवपहुंचेउनदिनोंकोयादकरकेरोनाआताहै।यहांआकरआठ-दसदिनऐसेहीबीतगए।फिर,मनमेंआयाकुछशुरूकरें।सब्जीबेचनाशुरूकरदिया।
शुरूहोगईजिंदगी
राजूअबरोजभोजपुर,बरीनगला,दुम्हैरा,अलहदादपुर,शेखाआदिगांवोंमेंसब्जीबेचनेलगे।दो-चारपैसेहाथआएतोघरखर्चचलनेलगा।150से200रुपयेकमालेतेहैं।गांवमेंइतनेकमानाकमनहींहै।सुबहजलालीसेसब्जीलातेहैं।आलू,लौकी,तोरई,भिंडी,हरीमिर्चआदिरखलिया।
फिरलौटेंगेशहर
राजूनेबतायाकिशिमलामेंकिराएकामकानथा।दोदिनपहलेमालिककाफोनआयाथा,वोबुलारहेथे।वहांबच्चोंकीपढ़ाईहोरहीथी।महीनेमेंतीन-चारहजाररुपयेबैंकमेंभीपहुंचजातेथे।पत्नीसेसलाहकरकेमनबनायाहैकिस्थितिसामान्यहोतेहीचलेंगे।
दिल्लीसेलगाहैदिल
भवनखेड़ाकेमुकेशदिल्लीमेंसिलाईकरतेथे।लेडीजरेडीमेटकपड़ेसिलतेथे।मुकेशनेबतायाकिऑर्डरइतनारहताथाकिआरामकरनामुश्किलहोजातामगर,लॉकडाउनमें गांवलौटनापड़ा।बच्चोंकोवहांपढ़ारहेथे।चार-पांचहजाररुपयेबचतभीहोजारहीथी।इसलिएदिल्लीमेंहीदिललगाहुआहै।स्थितिसामान्यहोतेहीलौटजाएंगे।गांवतोअपनाहै,आते-जातेरहेंगे।
गांवमेंदेरहेहैंकाम
भवनखेड़ाकेग्रामप्रधानतहसीलखानकहतेहैंकिगांवमें40केकरीबलोगशिमला,दिल्ली,गाजियाबाद,गुरुग्राम,फरीदाबादआदिशहरोंसेलौटेहैं।हालांकि,करीब35मनरेगाकेतहतमजदूरीकररहेहैं।जरूरतमंदोंकेजॉबकार्डबनवारहेहैं।कोईसब्जीबेचनेमेंलगाहैतोकोईमजदूरीकररहाहै।कुछलोगशहरजानेकीबातकहरहेहैं।