बगहा।आजकलविद्यालयोंमेंपढ़ाईतोहोतीहै।लेकिन,घंटीकाकोईमहत्वनहीं।किसीकीघंटीमेंकोईशिक्षकपढ़ानेजाताहै।गणितकीघंटीमेंविज्ञानकीभीपढ़ाईहोजातीहै।लेकिनएकसमयथा।जबघंटीकाअपनाअलगमहत्वथा।विद्यालयमेंघंटीवारपढ़ाईहोतीथी।बच्चेघंटीकानंबरसुनकरहीउसविषयकीकॉपीएवंकिताबकोनिकालकरबैठजातेथे।45मिनटकीहोनेवालीइसघंटीमेंउसवर्गकेशिक्षकभीबच्चोंकोशिक्षादेनेकेलिएवर्गमेंउपस्थितहोते।उससमयविद्यालयमें8घंटीहुआकरतीथी।जिसमेंआठवींघंटीखेलकीहोतीथी।बच्चोंकोआठवींघंटीकाइंतजारबनारहताथा।जैसेहीविद्यालयमेंआठवींकीघंटीलगती।बच्चेपहलेसेहीखेलनेकेलिएअपनेग्रुपबनानेकोतैयाररहतेथे।शिक्षककेसंरक्षणमेंआठवींघंटीमेंखेलकूदकाकार्यक्रमहोताथा।लेकिन,आजकलविद्यालयमेंसरकारद्वाराशारीरिकशिक्षककीव्यवस्थातोकीगईहै।लेकिनआठवींघंटीपूरीतरहसेसमाप्तहोगईहै।बच्चेआठवींघंटीकामतलबछुट्टीसमझतेहैं।शारीरिकशिक्षकजोआजविद्यालयमेंपदस्थापितहैंवहभीबच्चोंकेखेलकूदपरकोईखासध्याननहींदेते।खेलकूदबच्चोंकीप्रतिभाकोनिखारनेकाकामकरताहै।विद्यालयमेंपदस्थापितशिक्षकोंकीइसओरध्याननहींदियाजाताहै।सबसेबड़ीदुर्भाग्यकीबाततोयहहैकिकईऐसेविद्यालयहैंजिसमेंखेलकेमैदानहीनहींहैं।बच्चोंकोअगरखेलनेकीबातआतीहैतोमध्याह्नभोजनकेसमयबच्चेअपनेखेलकूदकाकार्यक्रमकरतेहैं।बच्चोंकोकौन-कौनसेखेलकीआवश्यकताहैयाकिनखेलोंपरविशेषध्यानदेनेकीजरूरतहै।यहकामविद्यालयकेशारीरिकशिक्षकअबनहींकरते।आजविद्यालयमें3:00बजेहीछुट्टीकीघंटीबजातीहै।छुट्टीकीघंटीबजनेकेबादविद्यालयमेंशिक्षक4:00बजेतकरहतेतोहैंलेकिनबच्चोंको3:00बजेहीछोड़देतेहैं।उनबच्चोंकोखिलानेकाकामनहींकरतेजिनकेलिएआठवींघंटीबनीहुईहै।
बगैरखेलप्रशिक्षणकेतरंगप्रतियोगिता
गंडकपारकेविद्यालयोंमेंबच्चोंकीखेलकूदकीप्रतिभाकोनिखारनेकेलिएप्रतिवर्षतरंगप्रतियोगिताकार्यक्रमकाआयोजनहोताहै।लेकिनउनमेंबच्चेएकाएकभागलेतेहैं।जिसमेंवहबेहतरनहींकरपातेबच्चोंकोविद्यालयमेंबिनाखेलसिखाएंहीतरंगप्रतियोगितामेंभागलेनापड़ताहै।प्रतियोगिताकेआयोजनकेदौरानबच्चोंमेंखेलकूदकरनेकीव्यवस्थातोकीजातीहै।लेकिनबच्चेप्रखंडस्तरसेआगेभीनहींबढ़पाते।नहींबच्चेअनुमंडलस्तरएवंजिलास्तरपरभीपहुंचकरअपनीखेलप्रतिभाकोदिखानेमेंकामयाबहोतेहैं।इसकामुख्यकारणविद्यालयमेंखेलकूदमेंशारीरिकशिक्षकोंकीअभिरुचिनहींहोनाहै।
अधिकांशविद्यालयोंमेंनहींहैखेलकामैदान
गंडकपारमेंप्राथमिकएवंमध्यविद्यालयकीकुलसंख्या72है।लेकिनइनविद्यालयोंमेंअधिकांशमात्रामेंखेलकामैदाननहींहै।मध्यविद्यालयधनहा,मध्यविद्यालयदौनाहा,मध्यविद्यालयघघवासहितकुछऐसेविद्यालयहैं।जहांखेलकेमैदानहैं।उसविद्यालयमेंशारीरिकशिक्षकभीहैं।लेकिनखेलकेलिएकोईघंटीनहींहै।बच्चेअपनेआपहीखेलनेकाप्रयासकरतेहैं।इनविद्यालयोंमेंभीआठवींघंटीकामतलबछुट्टीहोताहै।प्रखंडके75फीसदविद्यालयोंमेंखेलकामैदाननहींहै