धर्मबीरसिंहमल्हार,तरनतारन:अंतरराष्ट्रीयसीमाकेपासढाईहजारकीआबादीवालेगांवठट्ठामें100वर्षपहलेलोगोंकीप्यासबुझानेलिएजोकुएंबनाएगएथे।वहअबभीयहामौजूदतोहैंलेकिनखुदवर्षोंसेपानीसेप्यासेहैं।इनकुओंकामीठापानीराहगीरोंकीप्यासबुझानेकेसाथसाथखेतीकेकामभीआताथा।
विधानसभाहलकाखेमकरनकेगांवठट्ठाकेबुजुर्गमेवासिंह,कंधारासिंह,मलूकसिंह,बुधसिंहबतातेहैंकिकरीब120वर्षपहलेबाबाधन्नानाथद्वारागांवकीसांझीजगहपर100फीटगहराकुआंखुदवायागयाथा।जबकिकुछदूरीपरएक80फीटगहराईवालाकुआंथा।तीसराकुआंगांवमेंपश्चिमकीतरफखेतोंमेंबनायागयाथा।तीनोंकुएंलोगोंकीप्यासबुझातेरहे।एकबड़ेकुएंसेपानीलेकरकिसानअपनीफसलोंकोलगातेथे।आतंकवादकेदौरसमयगांवकेकुंओंपरचौपाललगाकरबैठनाबंदकरदियागया।बादमेंइनदोनोंकुओंमेंलोगोंनेफालतूसामानफेंकनाशुरूकरदिया।पश्चिमकीतरफवालेकुएंवालीजगहपरअबबाबाश्रीचंदजीकीयादमेंगुरुद्वारासाहिबहै।विरासतकेतौरपरग्रामीणोंनेइनकुओंकोसंभालातोहुआहैपरंतुवर्षोंसेकिसीकीप्यासनहींबुझापारहे।नानकशाहीईटोंसेबनेइनकुओंकेआसपासबोहड़औरपीपलकेपेड़लगेहुएहैं।अंग्रेजभीपीतेथेकुएंकापानी
गांवकेबुजुर्गसरजासिंहकहतेहैंकिआजादीसेपहलेगांवकेकुओंसेअंग्रेजभीपानीमंगवातेथेक्योंकियहपानीयहामीठाहोताथावहींहजमबहुतजल्दीहोजाताथा।कुओंसेपानीनिकालनेलिएइसपरलोहेकीटिंडेलगाईगईथी।पानीभरनेआएलोगबारीबारीइनटिंडोंकोअपनेहाथोंसेघुमातेथे।
कुओंपरसुलझाएजातेथेमामले
ग्रामीणरेशमसिंहकहतेहैकिवषरेंपहलेगांवमेंजबकिसीकाकोईविवादहोजाताथातोउसेनिपटानेकेलिएकोईपुलिसकेपासनहींजाताथाबल्किमामलापंचायतद्वारासमाधानकरनेलिएदोनोंपक्षोंकोकुएंपरबुलालियाजाताथा।कुएंकेचारोंऔरमिलबैठकरगांवकेलोगअपनापक्षरखतेथेऔरमामलानिपटालियाजाताथा।कुएंकेमीठेपानीसेप्रभावितथेकिसान
अमीरसिंहबतातेहैंकिपश्चिमकीओरबनेकुएंसेपड़ोसीगांवघरियालाकेलोगभीपानीभरनेआतेथे।इसगांवकेकिसानोंनेकुएंकेमीठेपानीसेखुशहोकरगांवठट्ठाकेलोगोंकोठेकेपरअपनीजमीनदियाकरतेथे।उससमयपानीकीमहत्ताइतनीअधिकथीकिलोगपानीकोबर्बादनहींकरतेथेपरंतुआजलोगपानीकोफालतूबहारहेहैं।पंचायतोंकोकियाजाएपाबंद
मेजरसिंहकहतेहैंकि100वर्षपहलेबनवाएगएकुएंकिसीइतिहाससेकमनहीं।इनकुओंमेंभलेहीपानीनहींरहा।यहकुएंआपसीएकताऔरमानवताकासुमेलहै।इनकुओंकीसेवासंभालकेलिएपंचायतोंकोपाबंदकरनाचाहिएताकिआनेवालीपीढ़ीकोपताचलसकेकिकुएंक्याथेऔरपानीकीअहमियतक्याहोतीहै।
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