करंट लगने से युवक क मत

बचपन से ही पत्थरमार दीवाली में हिस्सा लेते आ रहे थे। अलग तरीके का माहौल रहता था। जब एक गांव के लोग दूसरे गांव के लोगों को खदेड़ लेते थे तब जाकर मुकाबला बंद किया जाता था।- अब्दुल रहमान, बेहटा